नींद नही आती, उनके ख्याल आते रहते हैं;वोह हैं कौन, यह किसी को मालूम नही|नींद नही आती, उनके ख्याल आते रहते हैं;वोह हैं कौन, किसी को मालूम नही|जब उनकी नज़र इस पर गिरेगी,मालूम हो जाएगा उनको कि यह तो उन्ही की बात हो रही हैं|
Literature bits, most from somewhere, some original.
September 1, 2009
अर्ज़ कीजिये...
Posted by Dhaval Momaya at 2:03 AM 0 comments
Subscribe to:
Posts (Atom)