Literature bits, most from somewhere, some original.

September 1, 2009

अर्ज़ कीजिये...

नींद नही आती, उनके ख्याल आते रहते हैं;
वोह हैं कौन, यह किसी को मालूम नही|

नींद नही आती, उनके ख्याल आते रहते हैं;
वोह हैं कौन, किसी को मालूम नही|

जब उनकी नज़र इस पर गिरेगी,
मालूम हो जाएगा उनको कि यह तो उन्ही की बात हो रही हैं|

0 comments: